श्मशान घाट में हो गया जिंदा, डॉक्टर ने बना दी मरीज की ‘मौत की रिपोर्ट’, 2 घंटे तक डीप फ्रिजर में रखा, पूरी कहानी

राजस्थान के झुंझुनूं में हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही देखने को मिली. जिले के सबसे बड़े राजकीय भगवान दास खेतान (बीडीके) अस्पताल में डॉक्टरों ने एक मरीज को मृत घोषित कर दिया.

उसे दो घंटे तक डीप फ्रिजर में रखा गया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के साथ उसके शव को संस्था के सदस्यों को सौंप दिया. जब उसे अंतिम संस्कार के लिए चिता पर लिटाया तो उसके शरीर में हलचल होने लगी.

आनन-फानन में उसे उसी अस्पताल ले जाया गया जहां उसको मृत घोषित कर दिया था. अब उसका अस्पताल के आईसीयू में इलाज चल रहा है. मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य महकमे में हलचल मच गई. जांच के बाद लापरवाह डॉक्टरों पर निलंबन की कार्रवाई की गई है. घटना गुरुवार दोपहर करीब 1:30 बजे की है. घटना के बाद लापरवाही बरतने पर तीन डॉक्टरों को सस्पेंड किया गया है.

ईसीजी रिपोर्ट फ्लैट आने पर डॉक्टरों ने किया मृत घोषित

मां सेवा संस्थान के संचालक बनवारी ने बताया कि 25 वर्षीय रोहिताश लावारिश है. वह सितंबर 2024 से संस्थान द्वारा विमंदितों के लिए चलाए जा रहे पुनर्वास में रह रहा था. गुरुवार दोपहर को तबीयत बिगड़ने पर उसे बीडीके अस्पताल लाया गया. यहां उसे डॉक्टरों ने सीपीआर दिया और उसका ईसीजी किया. ईसीजी रिपोर्ट फ्लैट आने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में रख दिया. करीब 2 घंटे तक रोहिताश का शरीर मोर्चरी के डीप फ्रिजर में रखा रहा.

चिता पर लिटाया, हो गया जिंदा

बनवारी के मुताबिक, शाम करीब 5 बजे उसका शव पोस्टमार्टम के बाद उन्हें सौंप दिया गया. वह उसे लेकर अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट पहुंचे. यहां शव को जब चिता पर लिटाया तो उसमें हरकत होने लगी, जिसे देखकर सभी चौंक गए. संस्था के कर्मचारी उसे तुरंत वापस बीडीके अस्पताल लेकर पहुंचे. शाम 6 बजकर 24 मिनट रोहिताश को आईसीयू में भर्ती किया गया, जहां उसका इलाज जारी है.

कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश

इधर मामला सामने आने के बाद जिले के अफसरों के हाथ पैर फूल गए. जांच के लिए कलेक्टर रामावतार मीणा ने कमेटी का गठन किया. कलेक्टर के आदेश पर तहसीलदार महेंद्र मूंड, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उप निदेशक पवन पूनिया भी अस्पताल पहुंचे. मामले की गंभीरता को देखते हुए अस्पताल में पीएमओ डॉ. संदीप पचार की मौजूदगी में देर रात तक डॉक्टरों की बैठक चलती रही. बैठक के बाद सभी अधिकारी वापस कलेक्टर के पास पहुंचे. वहां भी बैठक चलती रही.

तीन डॉक्टर किए सस्पेंड

मामले में देर रात जिला कलेक्टर रामावतार मीणा की अनुशंसा पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव निशा मीणा ने बीडीके अस्पताल के पीएमओ डॉ. संदीप पचार, डॉ. योगेश कुमार जाखड़ व डॉ. नवनीत मील को निलम्बित कर दिया. डॉ. जाखड मंडेला में कार्यरत हैं, लेकिन कार्यव्यवस्था के तहत उन्हें बीडीके में लगा रखा था. निलम्बन काल के दौरान डॉ. पचार का मुख्यालय सीएमएचओ ऑफिस जैसलमेर, डॉ. जाखड़ का मुख्यालय सीएमएचओ ऑफिस बाडमेर व डॉ. नवनीत मील को मुख्यालय सीएमएचओ ऑफिस जालौर भेजा गया है.
रिपोर्ट- सत्यप्रकाश सोनी/झुंझुनूं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!