उदयपुर में कैसा सुलझा राजपरिवार का विवाद, किसने किया हस्तक्षेप, और कौन आये दूत बनके

उदयपुर के पूर्व राजपरिवार में विश्वराज सिंह मेवाड़ के राजतिलक की रस्म के बाद धूणी दर्शन को लेकर छिड़ा विवाद अब थम गया है. परंपरानुसार राजतिलक की रस्म के तीसरे दिन बुधवार शाम करीब 6.30 बजे विश्वराज सिंह मेवाड़ ने उदयपुर स्थित सिटी पैलेस में धूणी दर्शन किए.

इस पूरे मामले में सीएम भजनलाल शर्मा को हस्पक्षेप करना पड़ा तब जाकर इस विवाद का निपटारा हो पाया. विवाद के निपटारे के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने एसीएस होम और एडीजी लॉ एंड ऑर्डर को अपना दूत बनाकर उदयपुर भेजा और विवाद को शांत करवाया.

जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल ने बताया कि मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार से जुड़ा यह विवाद मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद निपट गया है. दोनों पक्षों से वार्ता कर धूणी दर्शन करवा दिए गए हैं. इस विवाद के निपटारे के लिए पिछले 2-3 दिन से लगातार जिला प्रशासन की ओर से कई बैठकें की गई थी. उसमें दोनों ही पक्षों से बात की गई. लेकिन धूणी माता के दर्शन को लेकर कुछ पॉइंट ऐसे थे जिन पर विवाद चल रहा था.

सीएम ने एसीएस होम और एडीजी लॉ एंड ऑर्डर को उदयपुर भेजा


ऐसे में ये सभी बाते तुरंत मुख्यमंत्री और सरकार के बड़े अफसरों तक पहुंचाई गई. इस पर मुख्यमंत्री ने 2 उच्च अधिकारियों एसीएस होम आनंद कुमार और एडीजी लॉ एंड ऑर्डर विशाल बंसल को उदयपुर भेजा. उनके हस्तक्षेप के बाद फिर से दोनों पक्षों से बातचीत की गई. इसमें जिन-जिन बिंदुओं पर विवाद की स्थिति पैदा हो रही थी उन पर फिर से मुख्यमंत्री से मार्गदर्शन लिया गया. बाद में उनका मैसेज लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ और विश्वराज सिंह मेवाड़ तक पहुंचाया गया.

बुधवार शाम को 5 लोगों के दर्शन पर सहमति बनी


इस तमाम मशक्कत के बाद बुधवार शाम को 5 लोगों के दर्शन पर सहमति बनी. उसके बाद फिर कुछ और ऐसे बिंदु थे कि ये लोग किस गेट से जाएंगे? किस गाड़ी में बैठकर जाएंगे? सरकारी गाड़ी में बैठकर जाएंगे या फिर प्राइवेट. इन बिंदुओं पर दोनों पक्षों में सहमति बन गई. उसके बाद विश्वराज सिंह केा धूणी के दर्शन करा दिए गए. अब विवाद शांत हो चुका है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!